SC ने याचिकाकर्ता पर 5 लाख का जुर्माना लगाया: कहा- ये पब्लिसिटी स्टंट; याचिका में बॉम्बे HC के चीफ जस्टिस की शपथ को डिफेक्टिव बताया

  • Hindi News
  • National
  • Supreme Court Bombay High Court Chief Justice Oath Controversy | DY Chandrachud

नई दिल्ली10 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिकाकर्ता पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाते हुए उसकी जनहित याचिका (PLI) को पब्लिसिटी पाने का ओछा तरीका बताया है। याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में कहा था कि बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की शपथ दोषपूर्ण है।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को गवर्नर शपथ दिलाते हैं और इसके बाद ही उन्हें सदस्यता दी जाती है। ऐसे में इस तरीके की आपत्ति नहीं उठाई जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट बोला- ऐसी याचिकाओं से कोर्ट का समय खराब होता है
बेंच में शामिल जज जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा ने कहा कि हमारी राय है कि ऐसी याचिकाओं से कोर्ट का समय खराब होता है और गंभीर मुद्दों से कोर्ट का ध्यान भटकता है। ऐसी याचिकाएं न्यायपालिका के मैनपावर और रजिस्ट्री का दुरुपयोग करती हैं।

जजों ने कहा कि अब ऐसा समय आ गया है जब कोर्ट को ऐसी व्यर्थ याचिकाएं दाखिल करने पर जुर्माना लगाना शुरू करना चाहिए। बेंच ने कहा कि हम याचिकाकर्ता पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाते हुए इस याचिका को रद्द करते हैं। ये जुर्माना याचिकाकर्ता को 4 हफ्ते केअंदर भरना होगा।

याचिकाकर्ता बोला- संविधान की तीसरी अनुसूची का उल्लंघन हुआ
ये याचिका अशोक पांडे ने दाखिल की थी। उनका कहना था कि बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को दोषपूर्ण शपथ दिलाई गई है। उन्होंने संविधान की तीसरी अनुसूची का उल्लंघन करते हुए शपथ के दौरान अपना नाम लेने से पहले ‘मैं’ शब्द नहीं कहा।

याचिकाकर्ता ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि दमन और दीव और दादरा व नागर हवेली केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों को इस शपथ समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी अन्य खबरें पढ़िए…

26 हफ्ते की प्रेग्नेंसी; दावा- फरियादी मनोरोगी: इसकी दवा से बच्चे पर असर की आशंका; SC बोला- AIIMS बोर्ड भ्रूण को बचाने का तरीका बताए

scv1697181266 1697278606

26 हफ्ते की प्रेग्नेंसी को मेडिकली अबॉर्ट करने के केस में शुक्रवार 13 अक्टूबर को लगातार 5वें दिन सुनवाई हुई। दलीलें सुनने के बाद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने निर्देश दिया कि AIIMS के डॉक्टर्स का बोर्ड महिला की मानसिक और शारीरिक जांच करके उसकी मनोविकृत्ति का पता लगाए। पूरी खबर पढ़िए

डार्विन-आइंस्टीन की थ्योरी को SC में चुनौती:कोर्ट बोला- हम किसी को गलत साबित करने के लिए नहीं बैठे, अपनी थ्योरी खुद बना लें

darwin 11697189053 1697279262

सुप्रीम कोर्ट में एक शख्स डार्विन और आइंस्टीन की थ्योरी की चुनौती देने पहुंच गया। इस शख्स की याचिका में कहा गया था कि डार्विन के ‘थ्योरी ऑफ एवोल्यूशन’ और आइंस्टीन के ‘थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी’ का सूत्र गलत है। इसमें सुधार के लिए कोर्ट को दखल देना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उस शख्स को फटकारते हुए कहा- हम यहां न्यूटन या आइंस्टीन को गलत साबित करने के लिए नहीं बैठे हैं। बेहतर होगा, आप अपनी थ्योरी खुद ही बना लें। पूरी खबर यहां पढ़ें…

वकील ने SC को लिखा- संवैधानिक मामले न सुनें:CJI बोले- क्या आर्टिकल 370 पर सुनवाई भी जरूरी नहीं, केस में हम राष्ट्र को सुन रहे

cji1694782460 1697278764

सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ को मेल कर कहा था कि अदालत को संवैधानिक मामलों (जिन मामलों पर संविधान पीठ सुनवाई करती है) के बजाय सामान्य मामलों पर सुनवाई करनी चाहिए। जिस पर CJI ने शुक्रवार यानी 15 सितंबर को असहमति जताई। पूरी खबर पढ़िए

खबरें और भी हैं…